kamlesh pandey
छतरपुर। बिजावर। पैतृक जमीन का बंटवारा और नामांतरण करने के बदले पटवारी पैसे मांग रहा था। 20 हजार से शुरू हुई चर्चा 10 हजार में फिक्स हो गई। पांच हजार रूपए किसान पहले दे चुका था लेकिन इसके बाद भी पटवारी काम को आगे नहीं बढ़ा रहा था तब मजबूरन किसान ने लोकायुक्त में शिकायत की। शिकायत मिलने पर उसकी पुष्टि करते ही किसान को पैसे लेकर पटवारी के पास भेजा गया और पीछे से लोकायुक्त की टीम ने पांच हजार रूपए की रिश्वत लेते पटवारी को ट्रेप कर लिया। हालांकि बाद में उसे छोड़ दिया गया।
लोकायुक्त सागर के निरीक्षक बीएम द्विवेदी ने बताया कि बिजावर तहसील अंतर्गत ग्राम कदवारा निवासी अभिनेन्द्र सिंह ने उनके यहां शिकायत दी थी कि पैतृक जमीन का बंटवारा और नामांतरण करने के बदले हल्का पटवारी रामप्रसाद पटेल 10 हजार रूपए की रिश्वत मांग रहा है। पांच हजार रूपए पहले दिए जा चुके हैं। पांच हजार रूपए बकाया हैं।
श्री द्विवेदी के मुताबिक अभिनेन्द्र सिंह की शिकायत की जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि पटवारी किसान से पैसे मांग रहा है। कैमिकल युक्त पांच हजार रूपए देकर अभिनेन्द्र सिंह को पटवारी को देने के लिए भेजे। जैसे ही अभिनेन्द्र सिंह पटवारी रामप्रसाद पटेल के निजी कार्यालय मोहनगंज बिजावर में पैसे देने पहुंचा पटवारी के हाथ में पैसे थमाए वैसे ही पीछे से लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथों दबोच लिया। टीम में इंस्पेक्टर बीएम द्विवेदी के अलावा शफीक, संतोष गोस्वामी, आशुतोष व्यास, यशवंत सिंह, गनेश कुशवाहा मौजूद रहे। पटवारी के रंगे हाथों पकड़े जाने की खबर से खलबली मच गई। लोग पटवारी के निजी कार्यालय की तरफ दौड़े और इस उत्सुकता भरी जानकारी से रूबरू हुए।