दूरबीन और लेंस लेकर विकास खोज रहे हैं हरीश रावत  

देहरादून, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत इन दिनों झोले में दूरबीन और लेंस लेकर घूम रहे हैं. हरीश रावत इसके पीछे के वजह बताते हुए कहते हैं कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का विकास खोजने निकले हैं. रावत राज्य के अलग-अलग इलाकों का दौरा कर जनसंपर्क में लगे हुए हैं. हरीश रावत ने शुक्रवार को नैनीताल जिले के हल्द्वानी में कहा कि वो केदारनाथ की ऊंची-ऊंची चोटियों से पीएम मोदी और त्रिवेंद्र सरकार का विकास खोजेंगे. उन्होंने कहा कि दूरबीन से विकास को दूर तक खोजूंगा और नहीं दिखा तो लेंस का सहारा भी लूंगा. रावत शनिवार से केदारनाथ घाटी के दौरे पर निकल रहे हैं. दिलचस्प बात ये है कि वो अपने साथ लेंस और दूरबीन भी लेकर जाएंगे ताकि केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की गहन पड़ताल कर सकें. वह बीजेपी सरकार पर हमले की तैयारी में हैं. चार दिन के अपने कार्यक्रम में हरीश रावत अपनी सरकार और बीजेपी की सरकार के जमाने में हुए कार्यों का तुलनात्मक अध्ययन करेंगे. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि इस यात्रा के दौरान उत्तराखंड में कितना विकास हुआ, यह दूरबीन और सूक्ष्मदर्शी लेंस से देखेंगे. रावत ने पहले कपाट खुलने के मौके पर केदारनाथ जाने का मन बनाया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने की घोषणा के बाद इसे बदल दिया था. अब वह 8 मई को केदारनाथ धाम पहुचेंगे. इससे पहले शनिवार से वह केदार घाटी के विभिन्न स्थानों पर पैदल भ्रमण करके पुनर्निर्माण कार्यों की अपने हिसाब से समीक्षा करेंगे. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में अगर सरकार ने अच्छा काम किया होगा तो सराहना करूंगा और काम नहीं किया तो ट्वीट कर जनता को बताऊंगा. रावत ने कहा कि बीजेपी ने केदारनाथ धाम जैसी पवित्र जगह में लेज़र शो से शिव महिमा दिखाने का ढोंग किया, जहां शिव जीवंत रूप में मौजूद हैं. यही कारण रहा कि लेज़र शो फ्लॉप हो गया.