प्रशासन ही करा रहा अवैध परमिट पर बसों का संचालन

rajesh dwivedi सतना। एक ओर सरकार रा्ष्ट्रीय राजमार्ग 75 स्थित सतना-रीवा सड़क मार्ग का निर्माण करा पाने में नाकाम साबित हुई है तो दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन ने जानलेवा हुए सतना-रीवा मार्ग पर बसों का रूट डायवर्ट कर दिया है। Administration is conducting buses on illegal permits दिलचस्प बात यह है कि आम नागरिकों को नियमों का बोध कराने वाले प्रशासन ने स्वयं परिवहन नियमों की अवहेलना कर विगत एक माह से बसों को डायवर्टेड रूट से चलाने की अनुमति दे रखी है। परिवहन विभाग से जुड़े जानकारों की मानें तो इस प्रकार से बसों का परिचालन कराना परिवहन नियमों के अनुसार अवैध है। सतना-रीवा सड़क मार्ग का जिस प्रकार से नियमविरूद्ध डायवर्सन किया गया है, उससे स्पष्ट है कि प्रशासन ने ठेका कंपनी के आगे घुटने टेक दिए है। याद कीजिए तत्कालीन मैहर एसडीएम एसडीएम अभिजीत अग्रवाल का वह कार्यकाल जब कटनी-मैहर मार्ग की जर्जरता के कारण उन्होने बिना किसी नोटिफिकेशन के वाया सरलानगर , बरही रूट डायवर्ट कर दिया गया था जिसे बाद में अवैध मानकर निरस्त किया गया था। उस मामले से भी प्रशासनिक अधिकारियों ने सबक नहीं लिया और हिटलरी अंदाज में रूट डायवर्ट कर दिया। ठेका कंपनी पर मेहरबानी क़्यों सड़क निर्माण से जुड़े जानकारों की मानें तो हाइवे अथवा किसी सड़क मार्ग के निर्माण के दौरान उस सड़क का यातायात पूरी तरह ठप्प नहीं किया जा सकता है। नियमन सड़क मोटरेबल रहनी चाहिए अर्थात यदि सड़क के एक हिस्से में काम चल रहा है, तो सड़क का दूसरा हिस्सा ठेका कंपनी को इस तैयार करना चाहिए कि वाहन वहां से गुजर सकें और आवागमन अवरूद्ध है। हालांकि ऐसा करने पर ठेका कंपनी का अतिरिक्त व्यय होता है । माना जा रहा है कि ठेका कंपनी को इससे राहत देने अधिकारियों ने नियमविरूद्ध रूट डायवर्ट कर दिया। क्या है मामला दरअसल एनएच-75 स्थित सतना-रीवा सड़क मार्ग का रूट तकरीबन एक माह पूर्व डायवर्ट किया गया है,तब से सतना-रीवा सड़क मार्ग पर चलने वाली बसें दूसरे मार्ग से गुजरकर रीवा और सतना पहुंच रही हैं। कृपालपुर के निकट से बसों को डायवर्ट कर दिया गया है जो प्रिज्म फैक्ट्री होते हुए सज्जनपुर के आगे हाइवे पर निकलती हैं। यदि परिवहन विभाग से जुड़े जानक ारों की मानें तो बिना नोटिफिकेशन के यात्री बसों के रूट डायवर्ट करना अवैध है। ट्रकों को तो किसी भी रूट से ले जाया जा सकता है क्योंकि अधिकांश ट्रक आल इंडिया परमिट पर होते हैं, लेकिन बसों का परमिट जारी करने के दौरान विभाग न केवल रूट निश्चित करता है बल्कि उन्हीं निर्धारित रूट पर ही बसों के संचालन की अनुमति (परमिट ) जारी करता है। परमिट की महत्ता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वैवाहिक सीजन में यदि किसी बस में दूसरे रूट की बारात बुक होती है तो बस आपरेटर को उस रूट का टेंपरेरी परमिट लेना पड़ता है, लेकिन सतना-रीवा मार्ग पर बसों का रूट परिवर्तन बिना किसी नोटिफिकेशन या टेंपरेरी परमिट जारी किए बगैर ही कर दिया गया है। इससे डावर्टेट रूट पर बसें अवैध रूप से चल रही हैं। ..तो बीमा कंपनी नहीं देगी क्लेम बिना परमिट के रूट पर बसों के संचालन से यात्रियों को तो तकलीफ हो ही रही है, साथ ही बस आपरेटर भी कम हलाकान नहीं हैं। परिवहन विभाग व वाहन बीमा कंपनियों से जुड़े जानकार बताते हैं कि यदि बिना परमिट के रूट पर यात्री बस दुर्घटनाग्रस्त होती है अथवा सड़क हादसे में किसी की जान जाती है तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी क्लेम देने से हाथ खड़े कर लेती है और इसका सारा क्लेम बस आपरेटरों को भुगतना पड़ता है। एनएच-75 पर किए गए रूट डायवर्सन से भी ऐसी ही स्थिति सामने आ गई है, जिसे अधिकारी नजरंदाज कर रहे हैं। आपरेटरों का खर्च तो मुसाफिरों की मुसीबत बढ़ी प्रशासनर द्वारा की गई इस व्यवस्था से जहां बस आपरेटरों का खर्च बढ़ गया है, ,वहीं मुसाफिरों की मुसीबत भी बढ़ गई है। एक बस आपरेटर ने बताया कि सतना-रीवा बस संचालन पर एक फेरे में तकरीबन 20 किमी बढ़ गए हैं जिससे डीजल की खपत ज्यादा हो रही है। दूसरी ओर जो यात्रा सवा से डेढ़ घंटे में पूरी होती थी उस यात्रा को पूरी होने में अब दो से सवा दो घंटे लगने लगे हैं। सबसे बड़ी मुसीबत हाइवे के किनारे बसे माधवगढ़, सिंधौली, ऐरा, रामवन, सज्जनपुर जैसे कस्बों से आने वाले यात्रियों की हैं। चूंकि रूट डायवर्ट कर दिए जाने से बसें अब इन क्षेत्रों से नहीं निकलती हैं, जिससे यहां के वाशिंदों को सतना व रीवा आने-जाने में फजीहत का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण भी हलाकान, टूट रही सड़क हाइवे तो प्रशासनर अब तक बनवा नहीं पाया है, इस नई व्यवस्था से ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों के भी टूटने का खतरा पैदा हो गया । रूट डायवर्सन की व्यवस्था में कुछ बसें सतना-सेमरिया मार्ग स्थित बाबूपुर से तो कुछ बसें कृपालपुर के निकट से मुड़ती हैं। इनर सड़कों का निर्माण हल्के वाहनों के लिए कराया गया है लेकिन इन दिनों इनर सड़कों से हैवी लोडेड ट्रक व खचाखच भरी बसें निकल रही हैं। ऐसे में यह सड़क भी टूटने की आशंका बढ़ गई है जिसे प्रशासनिक अधिकारी नजरंदाजह किए हुए हैं। वर्जन सतना-रीवा मार्ग का रूट डायवर्सन जर्जर हाइवे के चलते किया गया है। चूंकि हाइवे पर बस का परिचालन खतरनाक है,अत: कलेक्टर ने इसे संजीदगी से लेते हुए रूट डायवर्ट किया है। आपरेटर मनमर्जी से नहीं बल्कि विभागीय निर्देश के बाद ही डायवर्टेड रूट पर बस ले जा रहे हैं। संजय श्रीवास्तव क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, सतना जिस प्रकार से सतना-रीवा मार्ग का रूट डायवर्ट किया गया है, वह नियमन अवैध है। हमारे आपरेटरों को एक तरह से बिना परमिट के डायवर्टेड रूट पर चलने के लिए बाध्य किया गया है जिससे हादसे होने पर क्लेम मिलने की संभावना नगण्य है। अधिकारियों को इस समस्या की ओर गौर करना चाहिए। कमलेश गौतम, अध्यक्ष बस आनर्स एसोसिएशन हाइवे न बनवा पाना सरकार की नाकामी है लेकिन सरकार की गलती का दंड भोगने के लिए हम आपरेटरों को बाध्य किया जा रहा है। कई किलोमीटर का चक्कर लगाने से यात्रा की लागत व माइलेज दोनो बढ़ रहे हैं, जिससे आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है। यात्री भी समय ज्यादा लगने से परेशान हो रहे हैं। संजय सिंह चौहान, बस आपरेटर चौहान ट्रैवल्स