हाईकोर्ट ने सरकार को दिया सीबीआई जांच कराने का हक

इंदौर
शहर के बहुचर्चित कविता रैना हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराए जाने को लेकर हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में लगायी गयी याचिका पर हाईकोर्ट ने खुद आदेश पारित करने से पहले सीबीआई जाँच का आदेश सरकार द्वारा दिए जाने की बात कही है। इसके लिए हाईकोर्ट ने याचिका लगाने वाले वकील को सरकार को केस की री-प्रिजेन्टेशन करने को कहा है। यानी अब सरकार को यह तय करना है कि वह मामले की जाँच सीबीआई से करवाएगी या नहीं ?  24 अगस्त 2015 को तीन इमली चौराहे के नाले में कविता रैना का शव दो बोरो में 6 टुकडो में बंद मिला था।

मामले की जाँच करते हुए पुलिस ने 100 दिन बाद कविता की हत्या के आरोप में महेश बैरागी को गिरफ्तार किया था लेकिन कोर्ट में पुलिस महेश को आरोपी सिद्ध नहीं कर सकी और 18 ई को कोर्ट ने उसे निर्दोष पाते हुए बरी कर दिया. महेश के बरी होने के बाद महेश के ही वकील चम्पालाल यादव ने कविता के हत्यारों को पकड़ने के लिए मामले की जाँच सीबीआई से करवाने को लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका लगायी थी।  इस याचिका पर गुरूवार को कोर्ट ने आदेश दिया है कि सीबीआई जाँच के आदेश देने का सबसे पहला हक़ प्रदेश सरकार को है। ऐसे में वह प्रदेश सरकार से मामले की सीबीआई जाँच करवाने की मांग करते हुए उनके सामने री-प्रिजेन्टेशन दे।

इसके साथ ही कोर्ट ने मप्र पुलिस के डीजीपी से अपेक्षा की है कि वह इस सम्बंध में निचली कोर्ट द्वारा अपने फैसले में दिए गए निर्देश के अनुसार इस केस की विवेचना करे। मामले की जाँच में लापरवाही बरतने और गलती करने वाले पुलिस अफसरों पर डीजीपी कारवाई करे। अब मामला सरकार के पाले में है यदि सरकार इस पर फैसला नहीं लेती है तो यादव एक बार फिर हाईकोर्ट जा सकते है। सरकार के इनकार के बाद हाईकोर्ट मामले की सीबीआई जाँच के आदेश दे सकता है।