हर रोज 10 करोड़ की शराब गटक रहे छत्तीसगढ़ के लोग

रायपुर
 छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन हजार से कम आबादी के गांवों में शराब दुकानें बंद कर दी हैं। सरकार इसे आंशिक शराबबंदी के रूप में प्रचारित कर रही है। इसके विपरीत राज्य में शराब की बिक्री तेजी से बढ़ रही है।

चालू वित्तीय वर्ष के शुरूआती दो महीनों (अप्रैल-मई) में राज्य में औसत 10 करोड़ रुपये की शराब बिकी है, जबकि मार्च में खत्म हुए वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा 78 लाख के आसपास रहा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2016-17 में राज्य में 285 करोड़ स्र्पये की शराब बिकी। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष के दो महीनों में यह आंकड़ा 60 करोड़ के पार पहुंच गया है।

रायपुर में रोज करीब दो करोड़ की बिक्री

शराब की बिक्री में रायपुर प्रदेश के 27 जिलों में टॉप पर हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष के शुरुआती दो महीने में यहां रोज करीब दो करोड़ स्र्पये की शराब बिकी है। दूसरे नंबर पर दुर्ग जिला है, वहां 68 करोड़ 86 लाख की शराब बिकी है। बिलासपुर में 49 करोड़ 28 लाख, मुख्यमंत्री के निर्वाचन जिला राजनांदगांव में 42 करोड़ 70 लाख स्र्पये की शराब बिकी है। 37 करोड़ के आंकड़े के साथ जांजगीर-चांपा पांचवें नंबर पर है।

अरबों में दर्जनभर जिलों के आंकड़े

प्रदेश के करीब दर्जनभर जिलों में रिकार्ड तोड़ शराब की बिक्री होती है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के आंकड़ों के अनुसार करीब एक दर्जन जिलों में बिक्री का आंकड़ा अरबों में है। इसमें रायपुर, दुर्ग,बिलासपुर, राजनांदगांव, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार, रायगढ़, धमतरी, महासमुंद, बालोद, कोरबा और बेमेतरा जिले शामिल हैं।

सरकार चला रही दुकानें

छत्तीसगढ़ सरकार ने शराब दुकानों का संचालन अपने हाथ में ले लिया है। शराब बिक्री के लिए एक साल पहले कार्पोरेशन गठित किया है। फिलहाल राज्य की सभी दुकानें कार्पोरेशन के माध्यम से ही चल रही हैं।