वरिष्‍ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक का दिल का दौरा पड़ने से निधन

इंदौर
दैनिक भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक नहीं रहे। गुरुवार रात करीब साढ़े 10 बजे दफ्तर में काम के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा। तत्काल उन्हें बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया। करीब साढ़े तीन घंटे तक उनका इलाज चला, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक इलाज के दौरान ही उन्हें दिल का दूसरा दौरा पड़ा। रात करीब 2 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनकी अंतिम यात्रा शुक्रवार सुबह 11 बजे साकेत नगर स्थित उनके निवास से तिलक नगर मुक्तिधाम जाएगी।

21 जून 1963 को जन्मे कल्पेशजी 1998 से दैनिक भास्कर समूह से जुड़े थे। 55 वर्षीय याग्निक प्रखर वक्ता और देश के विख्यात पत्रकार थे। वे पैनी लेखनी के लिए जाने जाते थे। देश और समाज में चल रहे संवेदनशील मुद्दों पर बेबाक और निष्पक्ष लिखते थे। प्रति शनिवार दैनिक भास्कर के अंक में प्रकाशित होने वाला उनका कॉलम ‘असंभव के विरुद्ध’ देशभर में चर्चित था।

प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीटर के माध्यम से शोक जताया है। उन्होंने लिखा है कि दैनिक भास्कर ग्रूप के समूह संपादक कल्पेश याज्ञनिक जी के दुखद निधन की खबर स्तब्ध करने वाली है ।उनकी बेबाकी ,निष्पक्षता से भरी खबरें हम सभी के लिये प्रेरणादायक होती थी। उनका निधन पत्रकारिता क्षेत्र की एक बड़ी क्षति है। विनम्र श्रद्धांजलि

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ट्वीटर के माध्यम से शोक जताया है। उन्होंने लिखा है कि कल्पेशजी का एकाएक निधन का समाचार सुबह पढ़ा तो स्तब्ध रह गया। बेहद दुखद है।  हिन्दी पत्रकारिता में  उन्होंने कई नए प्रयोग किए ।"असंभव के विरुद्ध" उनका लोकप्रिय कालम था ।सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों पर झकझोर देने वाली कलम अब नही पढ़ने को मिलेगी ।कल्पेशजी की अनुपस्थिति पत्रकारिता राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र हमेशा में खलेगी । यह क्षति अपूरणीय है।