महाराष्ट्र में दूध संकट बरकरार, टैंकरों को रोक रहे शेतकरी संगठन कार्यकर्ता गिरफ्तार

मुंबई
महाराष्ट्र में दूध उत्पादकों द्वारा चल रही हड़ताल का असर लगातार देखने को मिल रहा है। मुंबई और आसपास के इलाकों में दूध की कमी का असर दिखना शुरू हो गया है और हड़ताल जारी रहने की स्थिति में दिक्कत बढ़ सकती है। आंदोलन को देखते हुए सड़क मार्ग के बजाय ट्रेन से दूध मुंबई भेजा जा रहा है।

    
इस बीच पुणे में दूध के टैंकर रोकने की कोशिश कर रहे स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के तीन कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया है। ये लोग पुणे के पास दूध ले जा रहे ट्रकों को रोक रहे थे। आंदोलन की अगुआई कर रहे सांसद और स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी का कहना है, 'हम गोवा, कर्नाटक और केरल की तरह किसानों के लिए पांच रुपये की प्रत्यक्ष सब्सिडी की मांग कर रहे हैं।'

पहरे में भेजा गया दूध
बीते दिनों भी आंदोलनकारियों ने मुंबई, पुणे, नागपुर, नासिक और अन्य प्रमुख शहरों को जा रहे दूध के टैंकरों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में रोककर विरोध-प्रदर्शन किया। इससे शहरों की दुग्ध आपूर्ति प्रभावित हुई है। आंदोलन जारी रहने पर नासिक और कोल्हापुर से मुंबई के लिए करीब एक दर्जन दूध टैंकर सशस्त्र पुलिस के पहरे में भेजे गए।

कई जगह हिंसक प्रदर्शन
इसके अलावा लाखों लीटर दूध से लदे टैंकरों को पुणे, नासिक, कोल्हापुर, सांगली, बीड, पालघर, बुलढाणा, औरंगाबाद और सोलापुर में रोककर सड़कों पर खाली कर दिया गया। महाराष्ट्र में इस आंदोलन की अगुवाई कर रहे स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा कई स्थानों पर दूध की सप्लाई करने वाले विक्रेताओं के साथ मारपीट की घटनाएं भी देखने को मिली हैं।