महाकाल को लिखे पत्र का 'नंदी' ने दिया जवाब, चिट्ठी वायरल

भोपाल
प्रदेश की राजनीति अब कांग्रेस, भाजपा और महाकाल में उलझ गई है।बीते दिनों  दोनों ही महाकाल के दर पर पहुंचे थे और एक दुसरे के खिलाफ मनोकमना की थी। बीते दिनों जहां शिवराज ने महाकाल का आशीर्वाद लेकर जनआशीर्वाद यात्रा उज्जैन से शुरु की थी, वही  कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ ने भगवान महाकाल को पत्र लिखकर सरकार द्वारा किए गए वादों का जिक्र किया था । वही शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए भगवान से विनती की थी कि वो मध्यप्रदेश को बचाएं और जनता के सामने भाजपा की हकीकत लाने में उनकी मदद करें। महाकाल ने अब कमलनाथ की सुन ली है। जी हां महाकाल के सेवल नंदी ने पत्र का जवाब भेजा है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर एक चिट्ठी वायरल हो रही है, जिसमें लिखने वाले का नाम नंदी बताया जा रहा है। इस चिट्ठी में नंदी बैल कह रहा है कि उन्हें कांग्रेस की चिट्टी मिली और उन्होंने भोलेनाथ से कमलनाथ सहित बाकी कांग्रेस नेताओं को सद्बुद्धि देने की गुज़ारिश की है। नई चिट्ठी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कथित तौर पर नारियल फेंकने का भी ज़िक्र है। चिट्ठी के मुताबिक ये नारियल महाकाल का आशीर्वाद था जिसे कांग्रेस ने ठुकरा दिया। हालांकि नंदी की इस चिट्ठी में किसी के दस्तख़त नहीं हैं।इस चिट्ठी को लेकर भाजपा कांग्रेस का मजाक बना रही है,वही कांग्रेस ने इसे महाकाल और नंदी का अपमान बताया है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी अब नंदी का मज़ाक उड़ा रही है,  जिस तरह बिना दस्तखत के चिट्ठी वायरल कर रही है, वो भगवान महाकाल और नंदी का मज़ाक है।

ये लिखा था पत्र में
कमलनाथ ने भगवान महाकाल के नाम पत्र लिखा है ,जिसमें कहा है कि पाँच वर्ष पूर्व चुनाव से पहले शिवराज ने जनआशीर्वाद यात्रा के लिये महाकाल को पत्र लिख उज्जैन से ही यात्रा की  शुरुआत की थी, उस पत्र में प्रदेश के लिये कई वादे किए थे। इस बार भी शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा 14 जुलाई को उज्जैन से ही शुरू होने जा रही है।उन्होंने लिखा है कि वे इस पत्र के माध्यम बताया है कि वे पाँच वर्ष पूर्व शिवराज द्वारा किये वादों की पोल जनता के बीच जाकर खोलेंगें और सबकों हक़ीक़त बताएंगें।

बता दे कि  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 जुलाई से उज्जैन से जनआशीर्वाद यात्रा की शुरुआत की है। यह यात्रा राज्य के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों तक जाएगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री की एक-एक सभा तथा रथ सभाएं भी होंगी। मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा 55 दिनों तक चलेगी।  यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री रथ और मंच सभाओं को मिलाकर लगभग 700 सभाओं को संबोधित करेंगे। यात्रा के लिए प्रदेश को दो भागों में बांटा गया है।  एक भाग में विंध्य, बुंदेलखंड और महाकौशल को रखा गया है। दूसरे भाग में भोपाल, नर्मदापुरम, ग्वालियर-चंबल और मालवा-निमाड़ क्षेत्र हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सप्ताह में चार दिन यात्रा करेंगे, दो दिन एक हिस्से में तथा दो दिन प्रदेश के दूसरे हिस्से में कार्यक्रम होगा। यात्रा का समापन 25 सितंबर को भोपाल में होने वाले कार्यकर्ता महाकुंभ में होगा।