निरस्त्रीकरण के प्रयासों को झटका, नॉर्थ कोरिया ने पॉम्पियो के साथ मुलाकात को बताया खेदजनक

प्योंगयांग 
ट्रंप और किम जोंग-उन के बीच बातचीत के बाद नॉर्थ कोरिया द्वारा निरस्त्रीकरण को लेकर बनी सहमति ने विश्व शांति को जो खाका खींचा था अब वह धुंधलाता नजर आ रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के नेतृत्व में नॉर्थ कोरिया पहुंचे डेलिगेशन के साथ हुई मुलाकात के बाद नाभिकीय ताकत वाले इस कोरियाई मुल्क का बयान कुछ ऐसा ही संदेश दे रहा है। नॉर्थ कोरिया ने शनिवार को कहा है कि पॉम्पियो से हुई उच्च स्तरीय वार्ता खेदजनक रही।  
 

नॉर्थ कोरिया ने कहा है कि अमेरिका परमाणु हथियार खत्म करने के लिए उसपर एकतरफा दबाव डाल रहा है। माइक पॉम्पियो की नॉर्थ कोरिया की दो दिवसीय यात्रा समाप्त होने और वहां के अधिकारियों से बातचीत के कुछ देर बाद ही इस तरह का बयान सामने आया है। आपको बता दें कि नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग-उन से पॉम्पियो की मुलाकात नहीं हुई। 

प्योंगयांग से जाने से पहले पॉम्पियो ने पत्रकारों को बताया था कि नॉर्थ कोरिया के वरिष्ठ अधिकारी किम योंग चोल के साथ उनकी बातचीत काफी प्रॉडक्टिव रही। पॉम्पियो ने दावा किया कि यह बातचीत भरोसेमंद माहौल में हुई और कुछ क्षेत्रों में काफी प्रगति हुई। हालांकि पॉम्पियो ने यह भी कहा कि अभी काफी काम बाकी है। 

पॉम्पियो के इस बैलेंस बयान की तुलना में नॉर्थ कोरिया की प्रतिक्रिया काफी तीखी रही। नॉर्थ कोरिया ने कहा कि नाभिकीय निरस्त्रीकरण के लिए 'एक तरफा' और 'डाकू की तरह' मांग कर अमेरिका ने पिछले महीने ट्रंप और किम जोंग-उन के बीच हुई बैठक के बाद बने माहौल के साथ धोखा किया। नॉर्थ कोरिया ने स्पष्ट कहा कि इस फॉलोअप बातचीत के परिणाम काफी चिंताजनक हैं। कोरियाई मुल्क ने कहा कि ऐसी बातों से निरस्त्रीकरण की उसकी इच्छा पर असर पड़ेगा।