दिल्ली से मुंबई, ट्रेनों की तरह बिजली की तार से दौडे़ंगी बसें!

नई दिल्ली 
अब सड़कों पर ट्रेनों की तरह ही ऊपर लगी बिजली की तार से ही ट्रक और बसें चलती नजर आ सकती हैं। इससे सड़कों पर प्रदूषण भी कम होगा और ट्रक, बस चलाने की लागत में भी कमी आएगी। रोड ट्रांसपॉर्ट मिनिस्ट्री फिलहाल दिल्ली और मुंबई के बीच बनाए जाने वाले नए एक्सप्रेस हाइवे पर यह प्रयोग करने की तैयारी कर रही है। अगर यह कामयाब हुआ तो अन्य हाइवे और सड़कों पर भी इस तरह की कवायद का रास्ता खुल जाएगा। 

रोड ट्रांसपॉर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी ने बताया कि अभी सिर्फ ट्रेनें और इलेक्ट्रिक ट्रॉली ही इस तरह से बिजली की तारों से चलती हैं। इसमें ऊपर की ओर बिजली की तार होती है, जिससे नीचे ट्रेन को पेंटाग्राफ से बिजली मिलती है और उसी से ट्रेन चलती है। गडकरी का कहना है कि सरकार चाहती है कि इस नए हाइवे पर भी दोनों तरफ की आखिरी लेन में इसी तरह की बिजली की लाइन बिछा दी जाए और उसी से बिजली लेकर ट्रक और बसें चलें। फिलहाल इस की व्यावहारिकता के लिए स्टडी का आदेश दे दिया गया है। 

यह स्टडी दिल्ली और मुंबई के बीच नए प्रस्तावित एक्सप्रेस हाइवे के लिए होगी। यह एक्सप्रेस-वे दिल्ली से जयपुर, अलवर, सवाईमाधोपुर और वडोदरा होते हुए बनाया जाना है। गडकरी का कहना है कि दोनों ओर की अंतिम लेन में इस तरह की इलेक्ट्रिफिकेशन कर दिया जाता है तो न सिर्फ ट्रक बल्कि बसें भी चलेंगी। इस हाइवे पर जो बसें चलेंगी, वे डबल होंगी यानी एक के साथ एक जुड़ी होगी। इससे ट्रक और बस की लागत में कमती आएगी। 

गडकरी ने कहा कि ट्रकों की लोड क्षमता बढ़ाने से न सिर्फ ट्रकों की ढुलाई क्षमता में 20 से 24 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। इसका असर यह होगा कि ढुलाई लागत में दो फीसदी तक की कमी होगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से करप्शन की गुंजाइश भी कम होगी लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी चेताया कि इस फैसले के बाद भी अगर ओवर लोडिंग हुई तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी।