दिल्ली में ग्राउंड वॉटर की कमी पर SC ने जताई चिंता, कहा- हो सकता है वॉटर वॉर

नई दिल्ली 
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में ग्राउंड वॉटर की कमी को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और नगर निगम को इस गंभीर समस्या के प्रति उदासीन रवैया अपनाए जाने को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। जस्टिस मदन बी. लोकुर की अगुआई वाली बेंच ने नीति आयोग की रिपोर्ट के संदर्भ में कहा कि तमाम अधिकारी एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर खुद अपनी जिम्मेदारी से बचने में लगे हुए हैं। अदालत ने कहा कि आप ग्राउंड वॉटर के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। आपके पास इसके लिए कोई योजना नहीं है। अदालत ने कहा कि सरकार पानी की खपत कम करने के लिए कदम नहीं उठा रही है।  
 

अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वह तुरंत लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म योजना बनाए कि ग्राउंड वॉटर की समस्या से कैसे निपटें। भूजल स्तर में हो रही गिरावट पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 मई को चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि राजधानी में इस कारण वॉटर वॉर हो सकता है। कोर्ट ने कहा कि अथॉरिटी मामले की गंभीरता को नहीं समझ पा रही है। जस्टिस मदन बी. लोकुर की अगुआई वाली बेंच ने कहा था कि यह हैरानी की बात है कि भूजल का दोहन हो रहा है और लगातार जल स्तर गिर रहा है। 

इससे पहले सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड की ओर से दिल्ली से संबंधित भूजल स्तर की रिपोर्ट पेश की गई थी। अदालत ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि हम क्या कर रहे हैं? हम राष्ट्रपति को भी पानी देने में सक्षम नहीं लगते हैं? हम बिरला मंदिर को पानी देने में सक्षम नहीं लग रहे हैं। कोर्ट सलाहकार रंजीत कुमार ने कहा था कि सेंट्रल दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली के कुछ इलाके में ग्राउंड वॉटर लेवल सेफ जोन में है लेकिन बाकी जगह भूजल का जबरदस्त दोहन हुआ है।