चीन और पाक टेंशन के बीच डिफेंस पर खर्च करने वालों में भारत टॉप 5 देशों में

नई दिल्ली 
अमेरिका और चीन के साथ भारत भी मिलिटरी पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले देशों की सूची में आ गया है। भारत दुनिया के टॉप 5 ऐसे देशों में है, जो डिफेंस पर सबसे ज्यादा खर्च करते हैं। आंकड़ों की वजह भारत की चीन और पाकिस्तान के साथ लगातार बढ़ रही टेंशन को माना जा रहा है। भारत ने 2017 में डिफेंस पर खर्चे में लगभग 4,26,354 करोड़ रुपये के खर्च के साथ 5.5 प्रतिशत की वृद्धि की थी। इस आंकड़े के साथ भारत इस मामले में फ्रांस से आगे निकल गया है। यह खुलासा स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की तरफ से जारी रिपोर्ट में किया गया है।

ब्लूमबर्ग में छपी एक खबर में एसआईपीआरआई के हवाले से कहा गया है कि पिछले साल दुनिया भर के डिफेंस पर खर्चे में करीब 1.73 ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। मौटे तौर पर कहें तो यह आंकड़ा करीब 2.2 प्रतिशत है। डिफेंस पर खर्च करने वाले देशों की बढ़ोतरी लगातार है। इस लिस्ट में अमेरिका और चीन सबसे ऊपर हैं। जो क्रमश: 610 बिलियन डॉलर और 228 बिलियन डॉलर खर्च करते हैं। 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डिफेंस पर खर्च करने वाले देशों में एशियन और मध्य पूर्व के देश धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं। इनमें चीन, सऊदी अरब और भारत सबसे आगे हैं। 


चीन एशिया में किसी भी देश के मुकाबले बहुत ज्यादा इस मद में खर्च करता है। रिपोर्ट की मानें तो जहां चीन 2008 में दुनिया के डिफेंस खर्च का 5.8 प्रतिशत था, वहीं 2017 में वह 13 प्रतिशत तक आ गया है। साल 2007 से 2016 तक चीन ने अपने डिफेंस खर्च में हर साल 8.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि चीन के नेता आगे भी इस खर्च को और बढ़ाते रहेंगे। 


नई दिल्ली इंस्टिट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज ऐंड अनैलेसिस के रिसर्च फैलो लक्ष्मण कुमार बहेला का कहना है कि भारत के मामले में, खर्च में वृद्धि का मतलब यह नहीं है कि सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक उपकरणों से तैयार किया जा रहा है। रक्षा खर्च में वृद्धि ज्यादातर लगभग 15 लाख सेवारत कर्मियों और 20 लाख से अधिक सेवानिवृत कर्मियों के वेतन और पेंशन के लिए की जाती है। उन्होंने कहा, 'मैनपावर में सबसे ज्यादा पैसा खर्च होता है। इस सब के बाद इक्विपमेंट खरीदने के लिए बेहद कम पैसा बचता है।' 


एसआईपीआरआई ने अपनी पिछली रिपोर्ट में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा आर्म्स इम्पोर्टर बताया था। पाकिस्तान और चीन के साथ बढ़ती टेंशन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने डमेस्टिक डिफेंस प्रॉडक्शन को बढ़ावा देने के लिए 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की थी।